



समस्तीपुर। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में, प्रसव कराने आई एक प्रसुता की, मंगलवार 24 जून की दोपहर में मौत होने के बाद, प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर ईलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाकर जमकर बबाल किया। इस दौरान मृतिका के परिजनों ने, सदर अस्पताल समस्तीपुर में तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ अन्य कर्मियों के साथ हाथापाई भी किया।

जिसके कारण कुछ देर के लिए सदर अस्पताल परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। बाद में सुचना पर पहुंची नगर थाने की पुलिस ने, मृतिका के आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। मृतिका की पहचान उजियारपुर थाना क्षेत्र के महिसारी गांव निवासी, यशवंत कुमार की 25 वर्षिया पत्नी अंशु कुमारी के रूप में की गयी है।
घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार 23 जून की शाम प्रसव पीड़ा होने के बाद, प्रसुता को सदर अस्पताल समस्तीपुर में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। जहां सोमवार 23 जून की रात को ही ऑपरेशन के द्वारा प्रसव करा दिया गया। ऑपरेशन के कुछ देर बाद डॉक्टरों ने प्रसूता के शरीर में रक्त की कमी बताकर, रक्त लाने के लिए कहा।
जिसके बाद प्रसूता के परिजनों ने डॉक्टर को रक्त भी उपलब्ध करा दिया। बाबजुद सदर अस्पताल के कर्मी व डॉक्टर ने लापरवाही करते हुए, सारी रात प्रसूता को रक्त नहीं चढ़ाया। जब प्रसूता के परिजनों ने इस मामले में अस्पताल कर्मियों से पुछताछ की तो, डॉक्टर ने कल सुबह रक्त चढ़ा देंगे बोलकर कार्यालय से बाहर निकाल दिया। इधर मंगलवार 24 जून की सुबह होते ही प्रसूता की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी।
जिसके बाद सदर अस्पताल समस्तीपुर में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने, आनन फानन में प्रसुता को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया। हालांकि प्रसुता के परिजनों ने प्रसूता को ईलाज के लिए जिला मुख्यालय के ही एक निजि अस्पताल में ईलाज के लिए भर्ती कराया। जहां के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित करते हुए कहा कि, प्रसूता की मौत काफी देर पहले ही हो गयी है।
जिसके बाद एक बार फिर मृत प्रसुता के परिजन, मृतिका के शव को सदर अस्पताल समस्तीपुर परिसर में लेकर वापस आ गए, और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। जिसके बाद सदर अस्पताल के ईमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए।
उधर सदर अस्पताल में हंगामें की सुचना पाकर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच, किसी तरह मृतिका के परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
वहीं इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार का बताना है कि, पुरे मामले की जांच करायी जाएगी। मृतिका के परिजनों द्वारा रक्त उपलब्ध कराने के बाद भी, सारी रात महिला को रक्त क्यों नहीं चढ़ाया गया! इसकी भी जांच करायी जाएगी, तथा इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों व डॉक्टर के विरुद्ध भी विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।