



अरविन्द कुमार/अमित कुमार:(पूसा/समस्तिपुर) जिले के पुसा प्रखंड अंतर्गत स्थित डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पुसा से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां देश के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह जी के निधन के बाद उनके सम्मान में, भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सात दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है।

शोक की यह अवधि 26 दिसंबर 2024 से 01 जनवरी 2025 तक होगी। इस शोक अवधि के दौरान पूरे देश में उन सभी स्थानों पर जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराया जाता है, वहां राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, लेकिन बिहार के समस्तीपुर जिले के पूसा में स्थित डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में राजकीय शोक की घोषणा के 04 दिन बाद भी, राष्ट्रीय ध्वज को आधा नहीं झुकाया गया है। तिरंगा आम दिनों की तरह ही अपनी ऊंचाई पर फहरा रहा है।

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के ठीक सामने लगे राष्ट्रीय ध्वज को राजकीय शोक के दौरान भी नहीं झुकाने का मामला बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जब स्थानीय माले नेता ने इस मामले को उठाया। और पत्रकारों ने सवाल पूछना शुरू किया तो, पहले तो बहुत सारे नियमों का हवाला दिया गया, लेकिन जब बात नहीं बनती देखी तो, आखिरकार देर शाम झंडे को झुका दिया गया।
इस संबंध में भाकपा माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने कहा कि, विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव की मनमानी एवं तानाशाही चरम पर है। राष्ट्रीय ध्वज को शोक अवधि में आधा नहीं झुकाकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का अपमान किया गया है। यह बहुत ही गंभीर विषय है। भाकपा-माले पूर्व प्रधानमंत्री के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि, कुलपति एवं कुलसचिव ने केंद्र सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश की अवहेलना की है।
पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया है, लेकिन पूसा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति एवं कुलसचिव ने लापरवाही का परिचय दिया है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उक्त मामले को लेकर भाकपा-माले महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष आदि को पत्र लिखकर कुलपति एवं कुलसचिव पर कार्रवाई करने की मांग करेगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद एवं भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। वहीं इस बाबत पूछे जाने पर सूचना पदाधिकारी ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं झुकाने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि, इस तरह की सूचना प्राप्त हुई है। कतिपय लोगों द्वारा यह अफवाह फैलाई गई है कि विश्वविद्यालय का झंडा शोक के समय नहीं झुकाया गया है। लेकिन यह बिल्कुल सच नहीं है। विश्वविद्यालय का झंडा आधा झुका हुआ है और झंडा नियमावली का पूरा पालन किया जा रहा है।