



समस्तीपुर: जिले के उजियारपुर प्रखंड अंतर्गत मनरेगा कार्यालय में, आजकल दलाल रूपी कथित ठेकेदारों की चांदी है। मतलब किसी जनप्रतिनिधि को कमीशन का लोभ दिजिए, 10 लाख का काम लिजिए, और तीन लाख में जैसे तैसे काम को निबटाकर बांकी पैसे अपने जेब में डालिए और ऐश किजिए।

यही नहीं भोले भाले मनरेगा जॉब कार्डधारियों के एकाउंट पर पैसे मंगवाइए, और झांसा देकर अंगुठे का निशान लिजिए, और उस पैसे को अपने बाप का माल समझकर अपने पॉकेट में रख लिजिए। ऐसा नही है कि इसकी जानकारी संबंधित पदाधिकारी को नही रहती है ?
संबंधित पदाधिकारी को भी इन सारे गोरखधंधों की जानकारी रहती है, और उनकी जानकारी में ही इस तरह का गड़बड़ घोटाला किया भी जाता है, लेकिन वह महाभारत का धृतराष्ट्र बने रहते हैं। धृतराष्ट्र बने भी क्यूं नही! अवैध नोटों की कमाई की खुशबु जो इन्हें पसंद है। इन्हें तो बस ईंतजार रहता है किसी के द्वारा शिकायत करने का!
किसी व्यक्ति के द्वारा शिकायती आवेदन पत्र पदाधिकारी को मिलने के बाद, पदाधिकारियों की नौटंकी शुरू हो जाती है। जिसके बाद योजना चलाने वाला दलाल रूपी कथित ठेकेदार के द्वारा, नोटो के बंडल से उन पदाधिकारियों के मुंह को बंद कर दिया जाता है। ताजा मामला उजियारपुर प्रखंड के पतैली पूर्वी पंचायत का है।
जहां पंचायत के मधय विद्यालय परिसर में युद्ध-स्तर पर जारी खेल मैदान का निर्माण में वृहत पैमाने पर अनियमितता करने का मामला सामने आया हैं। जहां खेल मैदान का निर्माण योजना के अभिकर्ता ने इस मामले में बहूत बड़ा खेल कर दिया है।
अभिकर्ता ने दलालों के माध्यम से उजियारपुर प्रखंड के पतैली पूर्वी पंचायत स्थित मध्य विद्यालय परिसर में गुणवत्ताहीन ईंट का उपयोग कर, विद्यालय परिसर में बालू को छिड़क कर उस पर ईंट लगा दिया। जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। उक्त निर्माण कार्य को देखने मात्र से ही पुरी तरह स्पष्ट प्रतीत होता है कि, इस निर्माण कार्य में पुरी तरह धांधली की जा रही है, ताकि सरकारी पैसे का बंदरबांट की जा सके।
इस संबंध में पुर्व विधायक प्रत्याशी सह स्थानीय समाजसेवी दिनेश प्रसाद चौधरी ने बताया कि, इस घटिया निर्माण से संबंधित सुचना प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा को उनके दुरभाष पर दी गयी थी, बावजूद इस काम में कोई सुधार नहीं हुआ है।
वहीं इस बाबत पुछे जाने पर कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा उजियारपुर ने बताया कि, योजना सही ढंग से चलाया गया है। ईंट इधर उधर फेंक दिया गया था। जिसे सही करा दिया गया है। हालांकि कार्यस्थल को देखकर स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि, इस निर्माण कार्य में पुर्ण रूप से धांधली की जा रही है। अब संबंधित पदाधिकारी झूठ क्यों बोल रहे हैं, इसका खुलासा तो आने वाला समय ही करेगा।
“इस योजना को संचालित करने में शामिल सभी कथित दलालों/ठेकेदार व पदाधिकारियों के बीच हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग से संबंधित खबर के लिए कृप्या कुछ घंटे ईंतजार करें।”